December 2024

  • Ganesh Ji Arti

  • BELIEVE TO ACHIEVE

    BELIEVE TO ACHIEVE

    Whatever the mind of man can conceive and believe, it can achieve.

  • LOVE AND LIFE

    LOVE AND LIFE

    Love the life you live. Live the life you love.

  • Shree Vishnu Sahstranama  श्री विष्णु सहस्त्रनाम

    Shree Vishnu Sahstranama श्री विष्णु सहस्त्रनाम

    शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥1॥ यस्य द्विरदवक्त्राद्याः पारिषद्याः परः शतम् ‌। विघ्नं निघ्नन्ति सततं विष्वक्सेनं तमाश्रये ॥2॥ व्यासं वसिष्ठनप्तारं शक्तेः पौत्रमकल्मषम् ‌। पराशरात्मजं वन्दे शुकतातं तपोनिधिम् ॥3॥ व्यासाय विष्णुरूपाय व्यासरूपाय विष्णवे । नमो वै ब्रह्मनिधये वासिष्ठाय नमो नमः ॥4॥ अविकाराय शुद्धाय नित्याय परमात्मने । सदैकरूपरूपाय विष्णवे सर्वजिष्णवे ॥5॥ यस्य स्मरणमात्रेण जन्मसंसारबन्धनात्…

  • Mahagauri Mata ki Aarti  महागौरी माता की आरती

    Mahagauri Mata ki Aarti महागौरी माता की आरती

    जय महागौरी जगत की माया जया उमा भवानी जय महामाया हरिद्वार कनखल के पासा। महागौरी तेरा वहां निवासा॥ चंद्रकली और ममता अंबे। जय शक्ति जय जय मां जगदंबे॥ जय महागौरी जगत … भीमा देवी विमला माता। कौशिकी देवी जग विख्याता॥ हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा। महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥ जय महागौरी जगत ……

  • Shri Durga Sahstranama  श्री दुर्गा सहस्रनाम

    Shri Durga Sahstranama श्री दुर्गा सहस्रनाम

    ॐ शिवायै नमः । ॐ उमायै नमः । ॐ रमायै नमः । ॐ शक्त्यै नमः । ॐ अनन्तायै नमः । ॐ निष्कलायै नमः । ॐ अमलायै नमः । ॐ शान्तायै नमः । ॐ माहेश्वर्यै नमः । ॐ नित्यायै नमः । ॐ शाश्वतायै नमः । ॐ परमायै नमः । ॐ क्षमायै नमः । ॐ अचिन्त्यायै नमः…

  • Shree Ram Aarti श्री राम आरती

    Shree Ram Aarti श्री राम आरती

    जगमग-जगमग जोत जली है। राम आरती होने लगी है॥ भक्ति का दीपक प्रेम की बाती। आरती संत करें दिन रात॥ आनंद की सरिता उभरी है। जगमग-जगमग जोत जली है॥ कनक सिंहासन सिया समेता। बैठहिं राम होई चित चेता॥ वाम भाग में जनक लली है। जगमग-जगमग जोत जली है॥ आरती हनुमत के मन भावे। राम कथा…

  • Shiv Ji Aarti शिव जी आरती

    Shiv Ji Aarti शिव जी आरती

    जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव… एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव… दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव… अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी । चंदन मृगमद…